श्रावण व् भाद्रपद महीने की तीज की कहानी गुराणी जी की जुबानी सुणिये जी | तीज का व्रत करने से सुहाग अमर रहता है | तीज का व्रत करने से किस प्रकार मृत व्यक्ति को पुनः जीवन दान मिल जाता हैं | यह बात या कहानी मारवाड़ी भाषा में है जिस किसी बहन को समझ में नहीं आये वो हमें कमेंट करके बताये हम आपको हिंदी में भी कथा सुनायेंगे |